Sale!
,

Ashtakvarga: Phalit Ki Aadhunik Vidhiyan Paperback

Original price was: ₹160.00.Current price is: ₹150.00.

+ Free Shipping

अप्टकवर्ग भावों एवं ग्रहों के  बलाबल  के आंकलन करने की एक अद्वितीय पध्दति है और सटीक फलित करने में सही मार्गदर्शन का काम करती है । इसका एक उदाहरण में तो जन्मपत्रिका में सुस्थित सूर्य जातक को प्रमत उंचाई की और ले जाएगा । ऐसा जातक जन्म से ही नेतृत्व करने की क्षमता वाला होगा और जीवन में वडी आसानी ने उसे सफलताये प्राप्त होगी । चूंकि नैसर्गिक राशिचक्र  में सूर्य पंचम भाव का कारक ग्रह है, पंचम भाव अर्थात पूर्व पुण्यों, सफलता एवं बौद्धिक  क्षमता का भाव, अत: जन्त्रपत्रिका में बली सूर्यं के बिना जीवन में उच्च स्तर एव सफलताओं को प्राप्त  करना संभव नहीं है । इस्री प्रकार बली चन्द्रमा जातक को आम लोगों की भलाई में रूचि  रखने वाला श्रेष्ठ मानववादी व्यक्ति बनाएगा और अपार मानसिक शान्ति प्रदान करेगा । पीडित एवं निर्बली चन्द्रमा वाले जातक के पास अच्छी सोच -विचार की क्षमता नहीं होती है और वह विषाद ग्रस्त एवं जड़मति होता है ।

अप्टकवर्ग भावों एवं ग्रहों के  बलाबल  के आंकलन करने की एक अद्वितीय पध्दति है और सटीक फलित करने में सही मार्गदर्शन का काम करती है । इसका एक उदाहरण में तो जन्मपत्रिका में सुस्थित सूर्य जातक को प्रमत उंचाई की और ले जाएगा । ऐसा जातक जन्म से ही नेतृत्व करने की क्षमता वाला होगा और जीवन में वडी आसानी ने उसे सफलताये प्राप्त होगी । चूंकि नैसर्गिक राशिचक्र  में सूर्य पंचम भाव का कारक ग्रह है, पंचम भाव अर्थात पूर्व पुण्यों, सफलता एवं बौद्धिक  क्षमता का भाव, अत: जन्त्रपत्रिका में बली सूर्यं के बिना जीवन में उच्च स्तर एव सफलताओं को प्राप्त  करना संभव नहीं है । इस्री प्रकार बली चन्द्रमा जातक को आम लोगों की भलाई में रूचि  रखने वाला श्रेष्ठ मानववादी व्यक्ति बनाएगा और अपार मानसिक शान्ति प्रदान करेगा । पीडित एवं निर्बली चन्द्रमा वाले जातक के पास अच्छी सोच -विचार की क्षमता नहीं होती है और वह विषाद ग्रस्त एवं जड़मति होता है ।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ashtakvarga: Phalit Ki Aadhunik Vidhiyan Paperback”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart