“वर्षफल सर्वस्व — ताजिक के नियम व प्रयोग” एक अत्यंत प्रतिष्ठित और गूढ़ ग्रंथ है जिसे प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. के. एस. चरक ने वर्षों के अध्ययन और अनुभव के आधार पर लिखा है। यह पुस्तक ताजिक ज्योतिष की वह प्रणाली उजागर करती है जो वर्षफल (Annual Horoscope) के गणना और विश्लेषण के लिए उपयोग की जाती है।
इस ग्रंथ में ताजिक ज्योतिष के सभी प्रमुख सिद्धांत — जैसे सह्म, मुन्ना, ताशीरीफ, साल रेश, मुन्तसरात, इक्तियारात, सह्मों की गणना, मुन्तकिल ग्रहों के योग और उनके विश्लेषण — का अत्यंत स्पष्ट और व्यावहारिक विवरण प्रस्तुत किया गया है।
लेखक ने इस पुस्तक को ऐसे लिखा है कि यह ज्योतिष के गंभीर विद्यार्थियों से लेकर प्रोफेशनल प्रैक्टिशनर्स तक, सभी के लिए उपयोगी बन जाती है।
हर नियम को उदाहरणों, कुंडली-विश्लेषण और पारंपरिक सूत्रों के साथ स्पष्ट किया गया है, जिससे पाठक वर्षफल तैयार करने और उसकी व्याख्या करने में निपुण हो सके।
यह ग्रंथ ताजिक प्रणाली की गहराई को समझने और वार्षिक भविष्यफल को सटीकता से गणना करने की एक उत्कृष्ट कुंजी है।
🌟 क्यों पढ़ें यह पुस्तक:
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ताजिक ज्योतिष प्रणाली को व्यावहारिक रूप से समझने हेतु।
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वार्षिक कुंडली (Varshaphal) की सटीक गणना और विश्लेषण के लिए।
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ज्योतिष विद्यार्थियों और अध्येताओं के लिए यह एक प्रामाणिक संदर्भ ग्रंथ है।
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वास्तविक कुंडलियों के उदाहरणों से सीखने का अवसर मिलता है।
🪐 क्या है ऐसा इस पुस्तक में:
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ताजिक प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों की स्पष्ट व्याख्या।
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सह्म (Sahm) और मुन्तकिल ग्रहों के फल देने के नियम।
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वास्तविक चार्ट विश्लेषण व व्यावहारिक उदाहरण।
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वर्षफल निर्माण के पारंपरिक सूत्र और ताजिक दृष्टिकोण।
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सरल भाषा में जटिल ज्योतिषीय नियमों की प्रस्तुति।
🧭 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ है:
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ज्योतिष के विद्यार्थी जो ताजिक प्रणाली को सीखना चाहते हैं।
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प्रोफेशनल ज्योतिषाचार्य जो सटीक वर्षफल तैयार करना चाहते हैं।
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ज्योतिष प्रेमी और शोधकर्ता, जो पारंपरिक और आधुनिक दृष्टिकोण का संतुलन चाहते हैं।
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ज्योतिष शिक्षण संस्थानों के लिए यह एक आदर्श पाठ्यपुस्तक है।









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