“जैमिनी सूत्रम” वैदिक ज्योतिष के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह पुस्तक महर्षि जैमिनी के सिद्धांतों पर आधारित है, जो पाराशरी ज्योतिष से कुछ भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस ग्रंथ में आत्मकारक, अमत्यकारक, दाराकारक जैसे कारक सिद्धांतों के साथ-साथ दशा पद्धति, योगफल, भाव विश्लेषण और चरदशा की गहन व्याख्या दी गई है।
डॉ. सुरेश चंद्र मिश्र ने इस संस्करण को अत्यंत सरल भाषा में प्रस्तुत किया है ताकि विद्यार्थी और अनुभवी ज्योतिषी दोनों इसे समझ सकें। इसमें प्रत्येक सूत्र का भावार्थ, विस्तृत व्याख्या और व्यवहारिक उदाहरण दिए गए हैं।
यह पुस्तक वैदिक ज्ञान, अनुभव और गूढ़ रहस्यों का संगम है, जो जैमिनी प्रणाली को स्पष्ट रूप में समझने में सहायता करती है।
🌟 क्यों पढ़ें यह पुस्तक:
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जैमिनी ज्योतिष प्रणाली का प्रामाणिक और संपूर्ण विश्लेषण।
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चरदशा और कारक सिद्धांतों की गहन व्याख्या।
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सटीक भविष्यवाणी की कला सीखने के लिए उपयुक्त।
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विद्यार्थी, शोधार्थी और पेशेवर ज्योतिषी सभी के लिए उपयोगी।
🔮 क्या है ऐसा इस पुस्तक में:
इस पुस्तक में जैमिनी के सूत्रों के साथ व्यावहारिक उदाहरण, ग्रह कारक, भावार्थ और जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे विवाह, व्यवसाय, आयु, और भाग्य से संबंधित रहस्यों का विस्तृत विवेचन है। यह ग्रंथ पाठक को पाराशरी ज्योतिष के साथ जैमिनी प्रणाली की तुलना कर समझने में सक्षम बनाता है।
🙏 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ है:
यह पुस्तक उन सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ है जो—
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वैदिक और जैमिनी ज्योतिष में गहन अध्ययन करना चाहते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थी या शोधकर्ता हैं।
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ज्योतिषीय भविष्यवाणी की गहराई को समझना चाहते हैं।











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