विरह पदावली (Virah Padavali) गीता प्रेस, गोरखपुर का एक अनुपम भक्ति ग्रंथ है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम-विरह का अद्भुत काव्यात्मक चित्रण किया गया है। यह पुस्तक भक्ति, प्रेम और अध्यात्म का सुंदर संगम प्रस्तुत करती है, जहाँ कवि अपने हृदय की गहराई से ईश्वर के प्रति समर्पण और विरह की वेदना व्यक्त करते हैं।
इस पुस्तक के पद न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करते हैं बल्कि आत्मा को भी ईश्वर से मिलन की अनुभूति कराते हैं। यह ग्रंथ उन भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो अपने जीवन में प्रेम, त्याग, और ईश्वर-भक्ति के मार्ग को अपनाना चाहते हैं।
गीता प्रेस का यह संस्करण हिंदी भाषा में सरल, हृदयस्पर्शी और प्रामाणिक प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है। यह पुस्तक प्रत्येक अध्यात्मिक साधक और भक्ति-प्रेमी पाठक के लिए अनमोल उपहार है।
🙏 क्यों पढ़ें “विरह पदावली”?
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क्योंकि यह राधा-कृष्ण के प्रेम और विरह की आत्मिक अनुभूति कराती है।
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इसमें भक्ति की गहराई और प्रेम के आध्यात्मिक रहस्य का सुंदर वर्णन है।
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काव्य और भक्ति का अद्भुत संगम, जो मन को शांति और आनंद से भर देता है।
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यह ग्रंथ आत्मा और परमात्मा के मिलन की अनुभूति कराता है।
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सुनने, गाने या ध्यान साधना के समय पढ़ने हेतु आदर्श पुस्तक है।
🌸 इस पुस्तक की विशेषताएँ
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गीता प्रेस, गोरखपुर का मूल एवं प्रामाणिक संस्करण
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हिंदी में राधा-कृष्ण भक्ति पदों का अद्भुत संकलन
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कविताओं में भक्ति, प्रेम, और विरह की गहराई का सुंदर वर्णन
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भक्ति रस, साहित्य और अध्यात्म प्रेमियों के लिए विशेष उपयोगी
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सरल भाषा और अत्यंत भावनात्मक प्रस्तुति
👌 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ
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भगवान श्रीकृष्ण और राधा के उपासक
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भक्ति रस और हिंदी काव्य प्रेमी पाठक
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धार्मिक और आध्यात्मिक साधक
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जो आत्मिक शांति और प्रेम का मार्ग खोज रहे हैं
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कीर्तन, भजन और भक्ति अध्ययन में रुचि रखने वाले व्यक्ति








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