‘यजुर्वेद’ चारों वेदों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो यज्ञ, कर्मकांड, आचार और नैतिक जीवन की गहराई को स्पष्ट करता है।
यह वेद कर्म और ज्ञान के समन्वय पर आधारित है — जहाँ मानव को कर्म के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग दिखाया गया है।
इस संस्करण में संस्कृत श्लोकों के साथ सरल और सटीक हिंदी अर्थ दिए गए हैं ताकि पाठक वेद का भावार्थ सही रूप में समझ सके।
🔥 धर्म, यज्ञ और कर्मयोग का ग्रंथ
यजुर्वेद के मंत्र यज्ञ-विधि, पूजा-पद्धति, और धर्माचरण के लिए मूल आधार हैं।
इसमें बताया गया है कि निष्काम कर्म और श्रद्धा से ही जीवन में संतुलन और शांति आती है।
श्री सत्यवीर शास्त्री जी का अनुवाद वेद के रहस्यों को आधुनिक पाठकों के लिए सहज बना देता है।
🌞 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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यह ग्रंथ जीवन के कर्म और धर्म के संतुलन को स्पष्ट करता है।
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संस्कृत मूल पाठ के साथ हिंदी अर्थ, अध्ययन और मनन दोनों के लिए उपयुक्त।
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यज्ञ और साधना के वैदिक सिद्धांतों को समझने में सहायक।
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विद्यार्थियों, अध्यात्मप्रेमियों और शोधार्थियों के लिए अनमोल स्रोत।
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बिग साइज हार्डकवर संस्करण संग्रहणीय और टिकाऊ है।
🌟 मुख्य विशेषताएँ (Key Features)
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संस्कृत मूल पाठ सहित हिंदी अनुवाद
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श्री सत्यवीर शास्त्री जी द्वारा प्रमाणिक संपादन
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बिग साइज हार्डकवर बाइंडिंग — दीर्घकालिक संरक्षण के लिए
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वैदिक कर्मकांड और धर्म सिद्धांतों की व्याख्या
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धार्मिक संस्थानों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए उपयोगी
👌 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ (Best For)
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वैदिक अध्ययन करने वाले विद्यार्थी और शोधार्थी
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धर्म, संस्कार और यज्ञ-विधि में रुचि रखने वाले पाठक
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अध्यात्मिक साधक और गृहस्थ जो कर्मयोग समझना चाहते हैं
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मंदिर, गुरुकुल, आश्रम या धार्मिक संस्थान
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वेदों और संस्कृत ग्रंथों के संग्राहक











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