‘सामवेद’ वेदों में विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह संगीत, स्वर और यज्ञ की ध्वनियों पर आधारित है।
यह ग्रंथ हमें बताता है कि किस प्रकार भक्ति और स्वर के माध्यम से मनुष्य ईश्वर से जुड़ सकता है।
इस पुस्तक में संस्कृत मूल मंत्रों के साथ सरल और भावपूर्ण हिंदी अर्थ दिए गए हैं, जिससे यह हर स्तर के पाठकों के लिए पठनीय बनती है।
🎵 संगीत और आध्यात्मिकता का संगम
सामवेद के मंत्र प्राचीन काल में सामगान (Singing of Vedic Hymns) के लिए प्रयुक्त होते थे।
इनका उद्देश्य था — ईश्वर की स्तुति, भक्ति और आत्म-शुद्धि।
श्री सत्यवीर शास्त्री जी ने इस संस्करण में न केवल अनुवाद किया है, बल्कि उसकी भावनात्मक गहराई को भी सहजता से प्रस्तुत किया है।
🌞 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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यह वेद संगीत और अध्यात्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
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जो व्यक्ति भक्ति, साधना और वेद ज्ञान में गहराई चाहते हैं, उनके लिए अत्यंत उपयोगी।
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इसमें संस्कृत मूल मंत्रों के साथ स्पष्ट और सुंदर हिंदी अनुवाद शामिल है।
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अध्ययन, पाठ और अनुसंधान — तीनों के लिए उपयुक्त ग्रंथ।
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यह बड़ा और हार्डकवर संस्करण संग्रहणीय मूल्य रखता है।
🌟 मुख्य विशेषताएँ
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संस्कृत मूल पाठ सहित प्रामाणिक हिंदी अनुवाद
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श्री सत्यवीर शास्त्री जी द्वारा संपादित प्रमाणिक संस्करण
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बिग साइज हार्डकवर बाइंडिंग — दीर्घकालिक उपयोग के लिए
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वेदों की संगीतात्मक परंपरा का संरक्षण
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धार्मिक, शैक्षणिक और शोधार्थिक दृष्टि से उपयुक्त
👌 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ
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संस्कृत और वेद अध्ययन करने वाले विद्यार्थी
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संगीत और अध्यात्म में रुचि रखने वाले पाठक
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धार्मिक संस्थान, मंदिर और आश्रम
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जो वेदों की ध्वनि-परंपरा और अर्थ दोनों को समझना चाहते हैं
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संग्रहणीय ग्रंथ प्रेमी











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