उपनिषद भारतीय दर्शन का आधार स्तंभ माने जाते हैं। इन्हें वेदों का अंतिम और सर्वोच्च ज्ञान कहा गया है। इस “108 उपनिषद संग्रह (खंड I-II-III)” में सभी 108 उपनिषदों का हिंदी अनुवाद, अर्थ और दार्शनिक विवेचन प्रस्तुत किया गया है।
यह संग्रह न केवल आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए बल्कि शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। इसमें ब्रह्म, आत्मा, सृष्टि, मोक्ष और जीवन के गूढ़ रहस्यों का गहन विवेचन किया गया है।
तीन खंडों का यह सेट हार्डकवर रूप में उपलब्ध है, जो लंबे समय तक संरक्षित रखने योग्य है।
📌 मुख्य विशेषताएँ
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सभी 108 उपनिषदों का संपूर्ण संग्रह एक ही स्थान पर।
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सरल और सुबोध हिंदी भाषा में अनुवाद।
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वेदांत, आत्मा और मोक्ष के गहन सिद्धांतों की व्याख्या।
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तीन खंडों का सेट, हार्डकवर संस्करण।
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आध्यात्मिक साधना, शोध और अध्ययन के लिए उपयुक्त।
📌 उपयुक्त पाठक वर्ग
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वेद और उपनिषद के गंभीर अध्येता।
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आध्यात्मिक साधक और जिज्ञासु।
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धर्मशास्त्र और दर्शन के शोधकर्ता।
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भारतीय संस्कृति और वेदांत दर्शन में रुचि रखने वाले पाठक।
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