“यजुर्वेद”, चार वेदों में से एक, वैदिक यज्ञीय परंपराओं और मंत्रों का प्रमुख स्रोत है। यह विशेष संस्करण महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा यजुर्वेद की गूढ़ शिक्षाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करता है और श्री सत्यवीर शास्त्री द्वारा हिंदी में अर्थ तथा टीका के साथ पूर्ण किया गया है।
पुस्तक में प्रत्येक वैदिक मंत्र को मूल संस्कृत श्लोक, उसका हिंदी अनुवाद, और उसके तात्त्विक एवं व्यावहारिक अर्थ के साथ विस्तार से समझाया गया है। यह ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोगी है, बल्कि यज्ञ, कर्मकांड, और वेद अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए एक अमूल्य निधि है।
🌟 मुख्य विशेषताएँ:
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यजुर्वेद के सभी मंत्रों का स्पष्ट और शुद्ध पाठ
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हिंदी में भावार्थ और व्याख्या सहित
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महर्षि दयानंद के वेद-प्रेम और सुधारवादी दृष्टिकोण को दर्शाता है
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छात्रों, अध्यापकों और साधकों के लिए उपयोगी
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वेदों का व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
✅ यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी है उन पाठकों के लिए जो:
📌 वेदों का अध्ययन करना चाहते हैं
📌 वैदिक धर्म, यज्ञ, और सनातन संस्कृति को समझना चाहते हैं
📌 आर्यसमाज, वैदिक आचार्य या वेद-प्रचारकों से प्रेरित हैं
📌 वैदिक साहित्य पर शोध या शिक्षण कार्य कर रहे हैं
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