“अग्नि पुराण” हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है, जो भगवान अग्नि और महर्षि वशिष्ठ के संवाद के रूप में रचित है। यह एक बहुविषयक ग्रंथ है, जिसमें धर्म, राजनीति, वास्तुशास्त्र, आयुर्वेद, ज्योतिष, योग, युद्धनीति, मूर्ति विज्ञान, शिल्पशास्त्र, आदि अनेक विषयों की ज्ञानपूर्ण चर्चा की गई है।
यह पुराण न केवल धार्मिक संदर्भों में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यवहारिक जीवन, राजनीति, और कला के क्षेत्र में भी उपयोगी ज्ञान प्रदान करता है।
🌟 मुख्य विषयवस्तु:
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धर्म और सदाचरण के सिद्धांत
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पूजा-विधान, व्रत, यज्ञ और दान के नियम
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राज्यशास्त्र, युद्ध नीति, दण्ड नीति
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वास्तु शास्त्र और मूर्ति निर्माण की विधियाँ
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आयुर्वेद, योग और तंत्र साधना
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ज्योतिष शास्त्र, रत्नों का वर्णन और ग्रहों का प्रभाव
🙏 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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वेद और शास्त्रों के समन्वय से जीवन के सभी क्षेत्रों को समझने हेतु
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एक ही ग्रंथ में धार्मिक, वैज्ञानिक, और व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने हेतु
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धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-विधियों और नित्य जीवन के लिए शास्त्रीय मार्गदर्शन हेतु
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भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कारों को समझने हेतु
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वास्तु, योग, ज्योतिष और तंत्र की मूल अवधारणाओं को जानने हेतु
👤 उपयुक्त पाठक वर्ग:
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विद्वान, पंडित, और धर्मशास्त्र के विद्यार्थी
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पूजा-अनुष्ठान से जुड़े व्यक्ति
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वास्तु, आयुर्वेद, तंत्र व ज्योतिष में रुचि रखने वाले पाठक
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संस्कृत एवं हिंदू पुराण साहित्य के शोधकर्ता
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धार्मिक संस्थान, पाठशाला और गुरुकुल
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