“त्रिक भावनों की गाथा” अमृता प्रीतम द्वारा रचित एक सशक्त आत्मविश्लेषणात्मक और संवेदनशील रचना है, जो मानव जीवन के संघर्ष, भावना और चेतना के गूढ़ पहलुओं को उजागर करती है। यह पुस्तक ‘त्रिक भावों’—यानी मृत्यु, रोग और हानि जैसे विषयों को साहित्यिक दृष्टि से प्रस्तुत करती है।
अमृता प्रीतम ने इस पुस्तक में नारी मन की गहराइयों, सामाजिक असमानताओं और अस्तित्व से जुड़े सवालों को अत्यंत प्रभावशाली शैली में अभिव्यक्त किया है। यह रचना उनके साहित्यिक कौशल और मानवीय दृष्टिकोण की मिसाल है।
🔍 मुख्य विशेषताएँ:
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अमृता प्रीतम की दुर्लभ और गूढ़ विचारों वाली रचना
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त्रिक भावों के वैचारिक एवं दार्शनिक पहलुओं की व्याख्या
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संवेदनशील, आत्मिक और जीवन-दर्शिता से भरपूर लेखन
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साहित्यिक पाठकों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी
✅ किनके लिए उपयुक्त:
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साहित्य प्रेमियों और हिंदी लेखन के पाठकों के लिए
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विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए
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नारीवाद, समाज और आत्मदर्शन में रुचि रखने वालों के लिए
🌟 यह पुस्तक क्यों खास है:
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अमृता प्रीतम की लेखनी में आत्मा की आवाज सुनाई देती है
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यह पुस्तक सामाजिक और आत्मिक प्रश्नों का गहरा विश्लेषण करती है
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दुर्लभ साहित्यिक धरोहर, जो पाठकों को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती है
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