“पूर्व कालामृत” एक कालजयी ज्योतिष ग्रंथ है जो पारंपरिक भारतीय ज्योतिष के मूल सिद्धांतों को सरल, स्पष्ट और वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में ज्योतिषाचार्य J.H. भसीन और प्रसिद्ध पंडित डॉ. एस.सी. मिश्रा ने सम्मिलित रूप से कालामृत सिद्धांत, ग्रह-योग, भावों की व्याख्या, ग्रहों की दशा, अंतरदशा और गोचर फलादेश पर अत्यंत बारीकी से प्रकाश डाला है।
यह पुस्तक न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी है, बल्कि उन साधकों और विद्वानों के लिए भी अमूल्य है जो वैदिक ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते हैं। इसमें पूर्व समय से मान्य और प्रयोगों से सिद्ध किए गए अनेक सूत्रों का संकलन है, जिससे भविष्यवाणी की प्रक्रिया और अधिक सटीक होती है।
आपको यह पुस्तक क्यों पढ़नी चाहिए?
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गहराई से वैदिक ज्योतिष सीखने के लिए: इसमें कई ऐसे सूत्र और विधियाँ दी गई हैं जो आमतौर पर आधुनिक पुस्तकों में उपलब्ध नहीं होतीं।
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व्यावहारिक दृष्टिकोण: केवल सिद्धांत नहीं, व्यावहारिक उदाहरणों द्वारा हर विषय को स्पष्ट किया गया है।
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पारंपरिक एवं वैज्ञानिक समन्वय: यह ग्रंथ परंपरा और आधुनिकता का एक सशक्त संगम है।
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ज्योतिषी, शोधकर्ता और विद्यार्थी—सभी के लिए उपयोगी।
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भाग्य, कर्म, और समय की व्याख्या के लिए प्रामाणिक स्रोत।
यह पुस्तक किसके लिए उपयुक्त है?
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वैदिक ज्योतिष में गहराई से रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए
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पेशेवर ज्योतिषियों के लिए जो अपने ज्ञान को और परिष्कृत करना चाहते हैं
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शोधकर्ताओं और अकादमिक दृष्टिकोण से अध्ययन करने वालों के लिए
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भविष्य कथन की पारंपरिक पद्धतियों में विश्वास रखने वालों के लिए
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जीवन के कर्म-फल और समय चक्र को समझना चाहने वाले आध्यात्मिक साधकों के लिए
मुख्य विशेषताएँ:
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सरल और बोधगम्य भाषा में गूढ़ विषयों की प्रस्तुति
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सिद्ध योगों और दशा प्रणाली की सटीक व्याख्या
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गोचर, जन्मकुंडली और ग्रहों के फल का तुलनात्मक अध्ययन
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भारतीय परंपरा अनुसार समय का गहन विवेचन
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