प्रश्नोपनिषद्, अष्टावक्र ऋषि परंपरा की एक महत्वपूर्ण उपनिषद है, जो अथर्ववेद से संबंधित मानी जाती है। इस उपनिषद् में ऋषि पिप्पलाद और छह जिज्ञासु ब्रह्मचारियों के बीच हुए छह गूढ़ प्रश्नों और उत्तरों का संग्रह है, जो जीवन, प्राण, आत्मा और ब्रह्म से जुड़े गहरे दर्शन को स्पष्ट करता है।
गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित यह संस्करण संस्कृत मूल श्लोकों के साथ सरल एवं भावपूर्ण हिंदी भाष्य में प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को गूढ़ विषय भी सहज रूप से समझ में आ जाए।
📚 मुख्य विषयवस्तु:
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प्राण की उत्पत्ति और कार्य प्रणाली
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ब्रह्म की प्राप्ति के साधन
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पंचप्राण और पंचाग्नि सिद्धांत
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मृत्यु के पश्चात आत्मा की गति
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मन, इन्द्रियाँ और चित्त का स्वरूप
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ब्रह्मविद्या की खोज और उसका फल
🎯 विशेषताएँ:
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मूल संस्कृत श्लोकों सहित प्रमाणिक हिंदी टीका
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दर्शन और आत्मज्ञान के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी
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उपनिषद् शैली में संवादात्मक ज्ञान की प्रस्तुति
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आत्मा, प्राण और ब्रह्म संबंधी प्रश्नों का सटीक उत्तर
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गीता प्रेस की शुद्ध भाषा, उत्कृष्ट छपाई और सांस्कृतिक दृष्टिकोण
👤 किनके लिए उपयुक्त है:
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वेदांत और उपनिषद् के विद्यार्थियों के लिए
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आत्मा और ब्रह्म विषय में रुचि रखने वाले साधक
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भारतीय दर्शन, योग और अध्यात्म में रुचि रखने वाले
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धार्मिक संस्थानों, विद्यालयों एवं लाइब्रेरियों के लिए
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