“ब्रह्म पुराण” अठारह प्रमुख पुराणों में एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, नारद, वशिष्ठ, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं अन्य ऋषियों-मुनियों के संवादों के माध्यम से सृष्टि की उत्पत्ति, धार्मिक कर्तव्य, तीर्थ महिमा, राजधर्म, दान, व्रत, एवं भक्ति मार्ग का वर्णन किया गया है।
गीता प्रेस का यह संस्करण संक्षिप्त रूप में, चित्रों सहित, और मोटे अक्षरों में प्रकाशित किया गया है, जिससे यह बुजुर्गों और सामान्य पाठकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी व पठनीय है।
🌟 मुख्य विषयवस्तु:
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सृष्टि की उत्पत्ति और ब्रह्मा जी की महिमा
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धर्म, तपस्या, दान, यज्ञ, तीर्थ यात्रा का वर्णन
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भागवत धर्म और भक्ति की विशेषता
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पुराणों में वर्णित विविध अवतारों की कथा
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पृथ्वी, लोकों और युगों का संक्षिप्त ज्ञान
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अनेक प्राचीन तीर्थों और नगरों की महत्ता
🙏 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को सरल भाषा में जानने हेतु
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धार्मिक और सामाजिक कर्तव्यों की समझ विकसित करने हेतु
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पुण्य फल देने वाले तीर्थ, व्रत, एवं अनुष्ठानों की जानकारी हेतु
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सामान्य और वृद्ध पाठकों के लिए सुविधाजनक मोटे अक्षरों में पाठ हेतु
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भारतीय संस्कृति और पुरातन ज्ञान परंपरा को समझने हेतु
👤 उपयुक्त पाठक वर्ग:
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धर्मग्रंथ प्रेमी पाठक
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विद्यार्थियों व शोधार्थियों
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बुजुर्ग जन जिन्हें बड़े अक्षरों में पुस्तक चाहिए
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संस्कृत/हिंदी पुराण साहित्य में रुचि रखने वाले
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मंदिर, आश्रम, सत्संग व पूजा-पाठ केंद्र
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