“मार्कण्डेय पुराण” सनातन धर्म के अठारह महापुराणों में से एक विशिष्ट पुराण है, जिसे महान ऋषि मार्कण्डेय जी के नाम पर जाना जाता है। इसमें धर्म, नीति, तप, योग, ब्रह्मविद्या, स्त्रीधर्म, श्रद्धा, दान, तीर्थ, एवं मानव जीवन के कर्तव्यों पर विस्तृत चर्चा है। यह संस्करण संक्षिप्त रूप, चित्रों सहित, और मोटे टाइप (बड़े अक्षरों) में प्रकाशित है, जिससे बुजुर्ग पाठक व सामान्य पाठक वर्ग के लिए भी यह अत्यंत सुगम और सुविधाजनक हो जाता है।
🌟 मुख्य विषयवस्तु:
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मार्कण्डेय ऋषि द्वारा वर्णित धार्मिक एवं आध्यात्मिक शिक्षाएं
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श्री दुर्गा सप्तशती (देवी महात्म्य) का विस्तारपूर्वक वर्णन
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स्त्रीधर्म, विवाह, यज्ञ, दान एवं धर्म-अधर्म का विवेचन
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नीति, ज्ञान, मोक्ष, ब्रह्मज्ञान आदि का निर्देश
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चित्रों के माध्यम से विषयों की रोचक प्रस्तुति
🙏 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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धार्मिक आचरण, धर्म और नीति का मार्गदर्शन पाने हेतु
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दुर्गा सप्तशती की पृष्ठभूमि व वैदिक शक्ति आराधना समझने हेतु
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हिन्दू संस्कृति, पूजा विधियों और दान के महत्व को जानने हेतु
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जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में धार्मिक दृष्टिकोण विकसित करने हेतु
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सरल भाषा, चित्र और बड़े अक्षरों में सुविधाजनक पाठ हेतु
👤 उपयुक्त पाठक वर्ग:
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धर्मशास्त्र में रुचि रखने वाले
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वृद्धजन व सामान्य पाठक
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विद्यार्थियों, भक्तों और पुराण प्रेमियों के लिए
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मंदिर, आश्रम, सत्संग समूहों हेतु पाठ्य पुस्तक के रूप में उपयुक्त
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