“गरुड़ पुराण” हिन्दू धर्म के अठारह प्रमुख महापुराणों में से एक है, जिसे भगवान विष्णु और गरुड़ जी के संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ विशेष रूप से मरणोत्तर जीवन, पुनर्जन्म, पुण्य-पाप, श्राद्ध कर्म, नरक-स्वर्ग विवरण, तथा धर्म-अधर्म के प्रभावों को अत्यंत गूढ़ और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है।
गीता प्रेस, गोरखपुर का यह संस्करण संस्कृत श्लोकों के साथ सरल हिंदी अनुवाद में है, जिससे सामान्य पाठक भी पुराण की गूढ़ बातों को आत्मसात कर सकते हैं।
🌟 मुख्य विषयवस्तु:
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मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा और यमलोक विवरण
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श्राद्ध, तर्पण, दान, संस्कारों की महत्ता
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नारकीय और स्वर्गीय अनुभवों का सजीव वर्णन
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पितृ ऋण, कर्मफल सिद्धांत और मोक्ष मार्ग
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वैदिक संस्कृति और आचार संहिताओं का विवेचन
🙏 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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मृत्यु रहस्य और जीवन के अंतिम सत्य को जानने हेतु
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हिन्दू कर्मकांड और धार्मिक अनुष्ठानों को समझने हेतु
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पितृपक्ष, श्राद्ध कर्म और दान विधि की शास्त्रीय जानकारी हेतु
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धार्मिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करने हेतु
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परलोक, पुण्य, और मोक्ष से जुड़ी वैदिक मान्यताओं को जानने हेतु
👤 उपयुक्त पाठक वर्ग:
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धार्मिक श्रद्धालु
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पुराण साहित्य के विद्यार्थी
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धर्मशास्त्र के विद्वान, पंडित एवं कथा वाचक
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अंतिम संस्कार एवं पितृ कर्म से जुड़े साधक
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परिवार में धार्मिक संस्कार स्थापित करने वाले जन


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