“Ashtakvarga: Phalit Ki Aadhunik Vidhiyan” वैदिक ज्योतिष की महत्वपूर्ण प्रणाली — अष्टकवर्ग — पर आधारित एक गहन अध्ययन है।
लेखक M. S. Mehta एवं Rajesh Chandra Dadwal ने इस ग्रंथ में पारंपरिक ज्योतिषीय सिद्धांतों को आधुनिक शोध एवं व्यावहारिक उदाहरणों के साथ जोड़ा है।
पुस्तक सरल हिंदी भाषा में लिखी गई है ताकि कोई भी विद्यार्थी या साधक इसे सहजता से समझ सके।
🔹 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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यह पुस्तक अष्टकवर्गीय बल की गणना एवं उसका कुंडली विश्लेषण में प्रयोग समझाती है।
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इसमें बताया गया है कि किस प्रकार ग्रहों के अष्टकवर्गीय अंक किसी व्यक्ति के जीवन की घटनाओं को प्रभावित करते हैं।
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पुस्तक में दशा-भुक्ति, गोचर फल, और भाव-फल विश्लेषण के साथ कई व्यावहारिक उदाहरण दिए गए हैं।
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अष्टकवर्ग प्रणाली के माध्यम से आप स्वयं अपनी कुंडली का सटीक फलादेश करना सीख सकते हैं।
🔹 मुख्य विशेषताएँ
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सरल, स्पष्ट और शिक्षणात्मक शैली में लेखन
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उदाहरणों सहित प्रत्येक अध्याय का व्यावहारिक विश्लेषण
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विद्यार्थी, शोधार्थी और पेशेवर ज्योतिषियों के लिए समान रूप से उपयोगी
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पारंपरिक सिद्धांतों का आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुतीकरण
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संपूर्ण अष्टकवर्गीय गणना की step-by-step विधि
🔹 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ
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ज्योतिष के विद्यार्थी जो फलित ज्योतिष को गहराई से सीखना चाहते हैं
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प्रोफेशनल ज्योतिषी जो अष्टकवर्ग प्रणाली का प्रयोग अपने विश्लेषण में करना चाहते हैं
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अध्यापक और शोधार्थी जो आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय खोज रहे हैं
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आध्यात्मिक साधक जो ग्रहों के सूक्ष्म प्रभावों को समझना चाहते हैं








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