‘अवधूत गीता’ भारतीय दर्शन के उन दुर्लभ ग्रंथों में से है, जो अद्वैत वेदांत (Advaita Vedanta) की आत्मा को साकार करती है।
यह ग्रंथ भगवान दत्तात्रेय की वाणी है, जिसमें उन्होंने आत्मा की पूर्णता, शुद्ध चेतना और माया से मुक्ति के शाश्वत सत्य को व्यक्त किया है।
इस संस्करण में विद्वान नंदलाल दाशोरा ने गीता के प्रत्येक श्लोक को स्पष्ट हिंदी में सरल और अर्थपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक इसकी गहराई को सहजता से अनुभव कर सके।
रंधीर प्रकाशन (हरिद्वार) द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक हर अध्यात्म साधक के लिए आत्मज्ञान का दीपक है।
🌿 क्यों पढ़ें ‘अवधूत गीता’?
-
आत्मा और ब्रह्म के अद्वैत सिद्धांत की सटीक व्याख्या।
-
भगवान दत्तात्रेय के उपदेशों के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार (Self Realization) का मार्ग।
-
मन, माया और मोक्ष के रहस्यों का दार्शनिक विश्लेषण।
-
जो व्यक्ति संसार की सीमाओं से परे सत्य की खोज में है, उसके लिए अनिवार्य ग्रंथ।
🌟 मुख्य विशेषताएँ
-
भगवान दत्तात्रेय द्वारा रचित प्राचीन अद्वैत वेदांत ग्रंथ
-
नंदलाल दाशोरा द्वारा सरल हिंदी अनुवाद व व्याख्या
-
आध्यात्मिक और दार्शनिक दृष्टि से अत्यंत गूढ़ विषयों का स्पष्ट प्रस्तुतीकरण
-
हरिद्वार स्थित रंधीर प्रकाशन का प्रमाणिक संस्करण
-
साधना, ध्यान और मोक्ष के पथ के लिए प्रेरणादायक पुस्तक
🙏 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ
-
अध्यात्म, वेदांत और दर्शन के विद्यार्थियों के लिए
-
साधकों, योगियों और गुरु-भक्तों के लिए
-
Advaita Vedanta के शोधकर्ताओं और पाठकों के लिए
-
पुस्तकालयों, आश्रमों और आध्यात्मिक संस्थानों के लिए









Reviews
There are no reviews yet.