“भृगु नाड़ी ज्योतिष संहिता” तीन खंडों में विस्तृत एक अद्वितीय ज्योतिष ग्रंथ है, जो महर्षि भृगु की नाड़ी पद्धति पर आधारित है। इस पुस्तक में आचार्य विवेकश्री कौशिक ‘विश्वामित्र’ ने ग्रहों की स्थिति, युति, दृष्टि, भाव फल और दशा प्रणाली को नाड़ी दृष्टिकोण से अत्यंत सरल भाषा में प्रस्तुत किया है।
प्रत्येक खंड में उदाहरण कुंडलियों (Example Horoscopes) के माध्यम से यह बताया गया है कि ग्रहों के संयोजन व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार की घटनाओं का निर्माण करते हैं — जैसे विवाह, संतान, करियर, धन प्राप्ति, रोग, मृत्यु और आध्यात्मिक उन्नति तक।
लेखक ने अपने अनुभव और पारंपरिक नाड़ी ज्ञान को इस पुस्तक में सम्मिलित किया है, जिससे विद्यार्थी और अनुभवी ज्योतिषी दोनों इस ग्रंथ से वास्तविक भविष्यवाणी की गहराई को समझ सकते हैं।
यह पुस्तक नाड़ी ज्योतिष, भृगु पद्धति और प्रेडिक्टिव एनालिसिस के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध हुई है।
📘 क्यों पढ़ें यह पुस्तक (Why Read This Book)
-
भृगु नाड़ी परंपरा की सबसे गूढ़ और प्रामाणिक व्याख्या।
-
तीन खंडों में विस्तृत सिद्धांत और व्यावहारिक उदाहरणों का संग्रह।
-
जीवन के हर क्षेत्र — धन, विवाह, संतान, करियर, स्वास्थ्य — पर सटीक ज्योतिषीय विश्लेषण।
-
ग्रह योगों और दशाओं के प्रभावों का अनुभवजन्य अध्ययन।
🔮 क्या है ऐसा इस पुस्तक में (What Makes It Special)
-
उदाहरण कुंडलियों सहित गहराई से समझाया गया भृगु नाड़ी शास्त्र।
-
पारंपरिक और आधुनिक दृष्टिकोण का अद्भुत समन्वय।
-
व्यावहारिक भविष्यवाणी की पद्धति सीखने के लिए उत्कृष्ट ग्रंथ।
-
साधकों और विद्वानों के लिए चरणबद्ध अध्ययन सामग्री।
🎯 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ (Best For)
-
नाड़ी और भृगु ज्योतिष के विद्यार्थी।
-
प्रैक्टिसिंग ज्योतिषी जो अपनी भविष्यवाणी क्षमता बढ़ाना चाहते हैं।
-
शोधार्थी और विद्वान जो भृगु सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप में समझना चाहते हैं।
-
वे पाठक जो जीवन की घटनाओं के पीछे ग्रहों की भूमिका जानना चाहते हैं।











Reviews
There are no reviews yet.