ज्योतिष और दांपत्य जीवन वैदिक ज्योतिष पर आधारित एक विशेष कृति है, जिसमें विवाह और दांपत्य जीवन से जुड़े प्रश्नों का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
लेखक कृष्ण कुमार ने इस पुस्तक में कुंडली मिलान, गुण-दोष, सप्तम भाव, शुक्र एवं अन्य ग्रहों की भूमिका, मांगलिक दोष, दांपत्य सुख-दुख के योग आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन किया है।
पुस्तक में यह बताया गया है कि किस प्रकार ज्योतिष शास्त्र द्वारा वैवाहिक जीवन की गुणवत्ता, सामंजस्य, संतान सुख और वैवाहिक स्थिरता का अनुमान लगाया जा सकता है। इसमें व्यावहारिक उदाहरणों, श्लोकों और स्पष्ट व्याख्या के माध्यम से पाठकों के लिए इसे सरल और प्रामाणिक बनाया गया है।
यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो विवाह संबंधी ज्योतिषीय सिद्धांतों को गहराई से समझना चाहते हैं और अपने जीवन या परामर्श में उसका प्रयोग करना चाहते हैं।
⭐ प्रमुख विशेषताएँ
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वैदिक ज्योतिष के आधार पर विवाह और दांपत्य जीवन का विश्लेषण।
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सप्तम भाव, शुक्र एवं अन्य ग्रहों की भूमिका का स्पष्ट विवरण।
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कुंडली मिलान, गुण-दोष और मांगलिक दोष पर विशेष अध्ययन।
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दांपत्य सुख-दुख एवं वैवाहिक स्थिरता के योगों की व्याख्या।
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विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और ज्योतिष प्रेमियों के लिए उपयोगी।
🎯 किनके लिए उपयुक्त
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विवाह और दांपत्य जीवन में रुचि रखने वाले पाठक।
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ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थी और शोधकर्ता।
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ज्योतिष परामर्शदाता और विवाह मिलान करने वाले विद्वान।
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परिवार और समाज विज्ञान में रुचि रखने वाले पाठक।
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