लाल किताब 1941 गुटका (लाल डायरी) पं. रूपचंद जोशी द्वारा रचित एक अत्यंत प्रतिष्ठित और प्रामाणिक संस्करण है, जिसे ज्योतिषियों और शोधकर्ताओं द्वारा विशेष मान्यता प्राप्त है। यह गुटका संस्करण आकार में छोटा लेकिन प्रभाव में अत्यधिक बड़ा है।
इसमें दिए गए सरल टोटके, उपाय, ग्रहों के आधार पर भविष्यवाणी, तथा कर्म सुधार के सिद्धांतों को व्यवहार में लागू किया जा सकता है। यह किताब आम लोगों के लिए भी उपयोगी है क्योंकि इसमें कठिन संस्कृत नहीं बल्कि सहज हिंदी भाषा का प्रयोग हुआ है।
🌟 यह क्यों है ख़ास?
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मूल 1941 संस्करण पर आधारित
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गुटका प्रारूप – जेब में रखने योग्य, यात्रा में साथ ले जाने योग्य
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अत्यंत सरल भाषा में लिखित – आम पाठकों के लिए भी समझने योग्य
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दैनिक जीवन की समस्याओं के लिए प्रभावी उपाय
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ज्योतिष छात्रों व पेशेवरों के लिए समान रूप से उपयोगी
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दुर्लभ और संग्रहणीय ग्रंथ
👤 किसे पढ़नी चाहिए?
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लाल किताब के छात्र और जानकार
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ऐसे व्यक्ति जो गृहस्थ जीवन की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान चाहते हैं
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ज्योतिष विशेषज्ञ जो सरल उपायों से दूसरों की सहायता करते हैं
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पुरानी और दुर्लभ ज्योतिष पुस्तकें एकत्रित करने वाले
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वह पाठक जो कर्म और फल के सिद्धांतों को समझना चाहते हैं
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