“मिल्क – ए साइलेंट किलर” डॉ. एन.के. शर्मा द्वारा रचित एक क्रांतिकारी पुस्तक है जो पारंपरिक सोच को चुनौती देती है। यह पुस्तक दूध और उसके उत्पादों के वैज्ञानिक विश्लेषण के माध्यम से बताती है कि क्यों यह पदार्थ हमारे शरीर के लिए “धीमा ज़हर” साबित हो सकता है।
डॉ. शर्मा, जो एक प्रतिष्ठित नैचुरोपैथ और स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं, ने वर्षों के अनुभव और शोध के आधार पर इस पुस्तक में दूध के फिजियोलॉजिकल, केमिकल और मेडिकल प्रभावों को उजागर किया है। पुस्तक में बताया गया है कि दूध में उपस्थित हार्मोन, एंटीबायोटिक्स और एनिमल प्रोटीन कैसे हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं।
यह ग्रंथ न केवल दूध के प्रभावों को उजागर करता है बल्कि इसके विकल्प भी बताता है — जैसे पौधों से बने दुग्ध विकल्प, प्राकृतिक आहार और रोगमुक्त जीवनशैली के उपाय।
यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो स्वस्थ जीवन, प्राकृतिक उपचार और शरीर के भीतर की सच्चाई को समझना चाहते हैं।
🌟 क्यों पढ़ें यह पुस्तक:
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दूध और डेयरी उत्पादों के पीछे छिपे वैज्ञानिक सच को समझने के लिए।
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अपनी रोजमर्रा की डाइट को पुनः मूल्यांकन करने के लिए।
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प्राकृतिक और रोगमुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु।
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स्वास्थ्य संबंधी भ्रांतियों को दूर करने और सही विकल्प चुनने के लिए।
🧬 क्या है ऐसा इस पुस्तक में:
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दूध के सेवन से जुड़ी बीमारियों का विश्लेषण — जैसे एलर्जी, सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग, और पाचन समस्याएँ।
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पशु दुग्ध में उपस्थित हानिकारक तत्वों और हार्मोन्स की वैज्ञानिक जानकारी।
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दूध के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहन चर्चा।
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वैकल्पिक पौध-आधारित आहार और प्राकृतिक जीवनशैली का मार्गदर्शन।
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स्वस्थ शरीर, स्पष्ट सोच और दीर्घायु के लिए व्यवहारिक उपाय।
🙏 किनके लिए सर्वश्रेष्ठ है:
यह पुस्तक विशेष रूप से उपयुक्त है —
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स्वास्थ्य-जागरूक पाठकों के लिए जो अपने आहार की सच्चाई जानना चाहते हैं।
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नैचुरोपैथी और योग साधकों के लिए जो प्राकृतिक जीवनशैली अपनाते हैं।
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चिकित्सा और पोषण के विद्यार्थियों के लिए जो खाद्य-विज्ञान की गहराई को समझना चाहते हैं।
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हर उस व्यक्ति के लिए जो स्वस्थ, ऊर्जावान और दीर्घायु जीवन की तलाश में है।








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