“वृहद् विशाल सामुद्रिक विज्ञान” एक अत्यंत दुर्लभ और व्यापक ग्रंथ है, जो भारतीय सामुद्रिक शास्त्र के सम्पूर्ण ज्ञान को एकत्रित करता है। इस ग्रंथ में हस्तरेखा, पादरेखा, अंग संकेत, शरीर लक्षण, मुख रेखाएं, नेत्र, ललाट, नख, वाणी, चाल, स्वर और सम्पूर्ण व्यक्तित्व विश्लेषण की वैदिक व तांत्रिक व्याख्या दी गई है।
इस दो-खंडीय सेट में 12 भागों को एकत्र कर सामुद्रिक विज्ञान के प्रत्येक पहलू को विस्तार से समझाया गया है। इसमें सैकड़ों चित्र, उदाहरण और विशेष संकेत दिए गए हैं, जो इसे सीखने वाले छात्रों और अध्येताओं के लिए अत्यंत उपयोगी बनाते हैं।
यह पुस्तक न केवल शास्त्रीय ज्ञान का खजाना है बल्कि आधुनिक दृष्टिकोण से भी इसकी व्याख्या की गई है।
✨ मुख्य विशेषताएँ
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सम्पूर्ण 12 भागों का संकलित और संशोधित संस्करण
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हस्तरेखा, पादरेखा, मुख और अंग लक्षणों की वैज्ञानिक व्याख्या
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सैकड़ों चित्रों और चिह्नों के माध्यम से दृश्य प्रस्तुति
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भविष्यवाणी, स्वभाव, स्वास्थ्य और भाग्य का सामुद्रिक विश्लेषण
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शिक्षार्थियों, शोधकर्ताओं और ज्योतिषियों के लिए अमूल्य ग्रंथ
✅ यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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शरीर के प्रत्येक भाग के संकेतों के आधार पर भविष्य ज्ञात करने की विद्या सीखें
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हस्तरेखा और सामुद्रिक शास्त्र का संपूर्ण ज्ञान एक ही स्थान पर
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व्यक्तित्व विश्लेषण, भाग्य और स्वास्थ्य को समझने का दुर्लभ अवसर
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भारतीय संस्कृति में देह विज्ञान और लक्षण शास्त्र की परंपरा को जानने का माध्यम
👤 किनके लिए उपयुक्त
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सामुद्रिक शास्त्र के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए
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ज्योतिष और हस्तरेखा विद्या में रुचि रखने वालों के लिए
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अध्यापक, विद्वान, योगी, और मनोविश्लेषकों के लिए
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वैकल्पिक उपचार पद्धति और आत्म-ज्ञान साधकों के लिए
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