“ग्रहों का रूप और प्रभाव” एक सटीक और सारगर्भित ज्योतिषीय ग्रंथ है, जिसमें पं. कृष्ण अशांत ने नवग्रहों के स्वरूप, प्रतीकात्मकता और उनके व्यवहारिक प्रभावों की स्पष्ट और वैज्ञानिक व्याख्या की है।
पुस्तक में यह बताया गया है कि हर ग्रह केवल खगोलीय पिंड नहीं, बल्कि जीवन की दिशा और दशा बदलने वाला एक ऊर्जास्रोत है। इसमें प्रत्येक ग्रह का भावों में गोचर, शुभ-अशुभ फल, राशियों पर प्रभाव और उपायों की जानकारी विस्तार से दी गई है।
🔍 मुख्य विशेषताएँ:
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नवग्रहों की गूढ़ व्याख्या और ज्योतिषीय महत्त्व
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ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभावों का भावानुसार विश्लेषण
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ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थियों, पंडितों और जिज्ञासुओं के लिए उपयुक्त
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ग्रह पीड़ा के समाधान हेतु सरल उपायों का समावेश
✅ कौन पढ़े और क्यों पढ़े:
📌 किसको पढ़नी चाहिए:
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वैदिक ज्योतिष सीखने वाले छात्रों को
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कुंडली विश्लेषण करने वाले ज्योतिषियों को
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ग्रह-दोष या ग्रह प्रभावों को समझने के इच्छुक आम पाठकों को
📌 क्यों पढ़नी चाहिए:
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ग्रहों की मूल प्रकृति और फलित परंपरा को सरल शब्दों में समझने के लिए
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यह पुस्तक व्यवहारिक और सैद्धांतिक दोनों स्तर पर संतुलित ज्ञान देती है
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इससे पाठक अपने जीवन में ग्रहजनित समस्याओं को बेहतर ढंग से पहचान और समाधान कर सकते हैं
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