“मुहूर्त: परम्परागत एवं आधुनिक” एक अद्वितीय ग्रंथ है जो वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक मुहूर्त निर्धारण की परंपरा को विस्तार से समझाता है। यह पुस्तक परम्परागत दृष्टिकोण के साथ-साथ आधुनिक सामाजिक परिस्थितियों में भी मुहूर्त के उपयोग की व्याख्या करती है।
इसमें विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, व्यापार आरंभ, वाहन खरीद, शिलान्यास जैसे प्रमुख कार्यों के लिए उपयुक्त मुहूर्त तय करने की विधियां विस्तार से बताई गई हैं। शास्त्रसम्मत गणना के साथ आधुनिक तर्क का भी समावेश किया गया है।
🔍 मुख्य विशेषताएँ:
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परंपरागत और आधुनिक दृष्टिकोण से मुहूर्त विश्लेषण
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सभी प्रमुख संस्कारों और कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त चुनने की विधि
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तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण का विस्तृत वर्णन
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सरल भाषा में ज्योतिषियों और आम पाठकों के लिए उपयोगी
👤 किसे पढ़नी चाहिए:
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ज्योतिष विद्यार्थी और शोधार्थी
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पेशेवर पंडित व ज्योतिषी जो शुभ कार्यों के मुहूर्त तय करते हैं
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सामान्य पाठक जो जीवन में शुभारंभ के लिए मुहूर्त की जानकारी चाहते हैं
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शादी-ब्याह या गृह निर्माण में सही समय जानने वाले परिवार
🌟 क्यों है ख़ास:
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परम्परागत शास्त्र और आधुनिक युग की मांग का समन्वय
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अनुभवी ज्योतिषियों के संपादन और परीक्षण से परिपूर्ण
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मुहूर्त के पीछे के वैज्ञानिक और व्यावहारिक तर्कों की चर्चा
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