“लाल किताब 1952 – सूर्य अरुण संहिता” लाल किताब पर आधारित सबसे प्रामाणिक और दुर्लभ ग्रंथों में से एक है, जिसे पं. रूपचंद्र जोशी की मूल रचना पर आधारित करते हुए पं. उमेश शर्मा ने विस्तारपूर्वक पुनर्संपादित किया है। यह ग्रंथ विशेष रूप से 1952 संस्करण पर केन्द्रित है, जो लाल किताब की श्रृंखला का अंतिम और सबसे परिष्कृत रूप माना जाता है।
इस पुस्तक में ग्रहों की चाल, दशाएं, जन्मपत्रिका के आधार पर भविष्यवाणी, दोषों का प्रभाव और सरल व प्रभावशाली उपायों का विस्तृत वर्णन है। इसमें सूर्य के प्रभावों, आत्मा के स्तर पर ग्रहों की व्याख्या और अरुण संहिता के गूढ़ तत्त्वों को भी सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
🔍 मुख्य विशेषताएँ:
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लाल किताब 1952 के मूल संस्करण का शुद्ध रूपांतरण
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सरल, घरेलू और आजमाए हुए उपायों का समावेश
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प्रत्येक ग्रह के दोष व उपायों का व्यावहारिक विश्लेषण
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भाग्य, स्वास्थ्य, विवाह, नौकरी, संतान आदि विषयों की विस्तृत विवेचना
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शोधकर्ताओं, छात्रों और ज्योतिष के अभ्यासियों के लिए अमूल्य ग्रंथ
✅ यह पुस्तक किनके लिए उपयुक्त है:
📌 लाल किताब के मूल स्रोतों को जानना चाहने वालों के लिए
📌 गृहस्थ जीवन में ग्रह दोषों से मुक्ति हेतु सरल समाधान चाहने वालों के लिए
📌 ज्योतिषाचार्य, अध्यापक, और शोधकर्ताओं के लिए
📌 पं. रूपचन्द्र जोशी के ग्रंथों को संग्रहित करने के इच्छुक पाठकों के लिए

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