“श्री लिंग महापुराण” अठारह प्रमुख हिंदू महापुराणों में से एक है, जिसे शैव धर्म के सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथों में गिना जाता है। इसमें भगवान शिव के लिंग रूप की महिमा, उनकी उत्पत्ति, भक्तों को प्राप्त होने वाले फल, शिवतत्त्व, भक्ति योग, कर्म योग**, और तपस्या का विस्तृत विवेचन किया गया है।
यह ग्रंथ दो खंडों में विभाजित है:
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पूर्व भाग – ब्रह्मांड की उत्पत्ति, लिंग महिमा, शिव पूजा, तप, यज्ञ आदि
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उत्तर भाग – व्रत, दान, तीर्थ यात्रा, रुद्राभिषेक, मृत्यु और मोक्ष का ज्ञान
यह संस्करण हिंदी अनुवाद सहित है और शुद्ध संस्कृत श्लोकों को स्पष्ट एवं व्याख्यायित रूप में प्रस्तुत करता है।
🌟 मुख्य विषयवस्तु:
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भगवान शिव के निराकार ‘लिंग’ स्वरूप की उत्पत्ति और महिमा
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ब्रह्मा, विष्णु और शिव के मध्य संवाद
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शिवलिंग की उत्पत्ति कथा
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व्रत, नियम, तप और तांत्रिक साधनाओं का वर्णन
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जीवन-मरण, पुनर्जन्म और मोक्ष के सिद्धांत
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शिव भक्तों को प्राप्त होने वाले पुण्य और फल
🙏 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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भगवान शिव के परम रहस्यमयी स्वरूप को जानने हेतु
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शिव भक्ति, लिंग पूजन और धार्मिक साधना की शास्त्रीय जानकारी हेतु
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मोक्ष प्राप्ति व पापों के नाश हेतु कर्मों के नियमों को समझने हेतु
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व्रत, उपवास और अभिषेक विधियों की शुद्ध जानकारी हेतु
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शैव उपासना के महत्व को अनुभव करने हेतु
👤 उपयुक्त पाठक वर्ग:
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शिव भक्त
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साधक और तांत्रिक उपासक
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पुराण साहित्य के विद्यार्थी
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कथा वाचक, आचार्य और पंडितगण
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धर्मग्रंथ प्रेमी और अध्यात्म प्रेमी पाठक
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