“भावफल विचार” श्रृंखला वैदिक ज्योतिष के गूढ़ सिद्धांतों को समझने के लिए लिखी गई है। इसके भाग–2 में जन्मकुंडली के सातवें से बारहवें भाव (भाव–7 से भाव–12) तक का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
लेखक कृष्ण कुमार ने प्रत्येक भाव के महत्व, उसमें स्थित ग्रहों के प्रभाव, योग-दोष, दशा-गोचर और जीवन की घटनाओं पर उनके परिणामों का स्पष्ट एवं व्यावहारिक विवेचन किया है।
इस पुस्तक में विशेष रूप से विवाह, दांपत्य जीवन, संतान, भाग्य, कर्म, आयु, व्यय, मोक्ष और जीवन की अंतिम यात्रा से संबंधित विषयों का गहराई से वर्णन किया गया है।
यह ग्रंथ न केवल ज्योतिष के विद्यार्थियों बल्कि प्रैक्टिकल ज्योतिषियों और शोधकर्ताओं के लिए एक अनमोल मार्गदर्शक है। Alpha Publications ने इसे उच्च गुणवत्ता वाले संस्करण में प्रकाशित किया है।
⭐ प्रमुख विशेषताएँ
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जन्मकुंडली के 7वें से 12वें भाव का विस्तृत अध्ययन।
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प्रत्येक भाव के ग्रहों, योग-दोष और दशा-गोचर का विवेचन।
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विवाह, संतान, भाग्य, कर्म और मोक्ष पर गहराई से चर्चा।
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सरल भाषा में प्रस्तुत व्यावहारिक भविष्यवाणी मार्गदर्शन।
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विद्यार्थियों, अध्यापकों और ज्योतिष परामर्शदाताओं के लिए उपयोगी।
🎯 किनके लिए उपयुक्त
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ज्योतिष के विद्यार्थी और शोधकर्ता।
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जन्मकुंडली विश्लेषण में रुचि रखने वाले पाठक।
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ज्योतिषाचार्य और प्रैक्टिकल ज्योतिषी।
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वैदिक ज्योतिष के गूढ़ सिद्धांत समझने के इच्छुक व्यक्ति।
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