“ईश्वर और संसार” गीता प्रेस गोरखपुर का एक आध्यात्मिक एवं दार्शनिक ग्रंथ है, जिसमें ईश्वर की अनंत सत्ता और संसार के अस्थायी स्वरूप का गहन विवेचन किया गया है।
यह पुस्तक बताती है कि ईश्वर सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान और सच्चिदानंद स्वरूप है, जबकि संसार नश्वर एवं परिवर्तनशील है। इसमें जीवन के रहस्यों, मनुष्य के कर्तव्य और ईश्वर की भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
सरल हिंदी भाषा में रचित यह पुस्तक अध्यात्म प्रेमियों, सत्य की खोज करने वालों और गहन चिंतन करने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
📌 Key Features (मुख्य विशेषताएँ)
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ईश्वर और संसार के रहस्यों का गहन विवेचन
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सरल और स्पष्ट हिंदी भाषा में प्रस्तुति
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अध्यात्म, दर्शन और भक्ति का संतुलित संगम
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जीवन और ईश्वर के संबंध को समझने का मार्गदर्शन
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गीता प्रेस, गोरखपुर का प्रामाणिक प्रकाशन
📌 Best For (उपयुक्त पाठक वर्ग)
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अध्यात्म और दर्शन में रुचि रखने वाले पाठक
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सत्य और जीवन के रहस्य खोजने वाले साधक
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विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए
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धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठनों में अध्ययन हेतु
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घर, पुस्तकालय और मंदिरों के लिए उपयोगी




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