“ज्योतिषीय खगोल एवं गणित सिद्धांत” एक शास्त्रीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार की गई विशेष पुस्तक है, जो ज्योतिषीय गणनाओं और खगोलशास्त्र के गूढ़ सिद्धांतों को सरल, तार्किक और सटीक भाषा में प्रस्तुत करती है।
इस पुस्तक में भारतीय वैदिक प्रणाली पर आधारित:
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ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, गति और परिवर्तन,
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पंचांग गणना,
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सूर्य-सिद्धांत,
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ग्रहण गणना,
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वर्षफल और
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जातक गणित से संबंधित सूक्ष्म विश्लेषण किया गया है।
इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को गणितीय विधियों से युक्त ज्योतिषीय निर्णय क्षमता प्रदान करना है। यह ग्रंथ शिक्षा, शोध और व्यावसायिक अभ्यास में उपयोगी है।
✨ मुख्य विशेषताएँ
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वैदिक ज्योतिष और खगोलशास्त्र का समन्वय
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विस्तृत और शुद्ध गणितीय व्याख्याएं
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पंचांग, गोचर, ग्रहण, और वर्षफल जैसे विषयों पर विशेष दृष्टिकोण
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छात्र, शोधकर्ता, और अनुभवी ज्योतिषियों के लिए उपयुक्त
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सरल भाषा में जटिल सिद्धांतों की व्याख्या
✅ यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
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खगोल एवं गणित आधारित ज्योतिष को समझने की गहराई मिलेगी
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शास्त्रीय पद्धति से सटीक गणना और भविष्यवाणी में मदद
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आधुनिक और पारंपरिक ज्योतिष ज्ञान का समन्वय
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ज्योतिषीय गणना की मूलभूत तकनीकों को व्यावहारिक रूप में जानने का अवसर
👤 किनके लिए उपयुक्त
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वैदिक ज्योतिष के विद्यार्थी
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खगोल-गणित में रुचि रखने वाले शोधार्थी
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व्यावसायिक ज्योतिषी और पंचांग निर्माताओं के लिए
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प्रतियोगिता परीक्षा में ज्योतिष/संस्कृत विषय के छात्र
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