“समुद्रिक ज्ञान और पंचांगुलि साधना” भारतीय तंत्र और ज्योतिष परंपरा का अनमोल ग्रंथ है। इसमें दो प्रमुख विषयों का संगम प्रस्तुत किया गया है —
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समुद्रिक शास्त्र (हस्तरेखा ज्ञान):
हाथ की रेखाओं, आकार-प्रकार, पर्वतों और अंगुलियों के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य, स्वास्थ्य, आयु और जीवन की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन। -
पंचांगुलि साधना:
यह तांत्रिक साधना विशेष सिद्धियों की प्राप्ति, भविष्यदृष्टि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए की जाने वाली रहस्यमयी साधना है। पुस्तक में पंचांगुलि देवी की उपासना, मंत्र-जप, साधना विधि और सावधानियों का विस्तृत वर्णन है।
लेखक एस. एम. बहल ने इस पुस्तक को व्यावहारिक उदाहरणों और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक न केवल हस्तरेखा शास्त्र की गहराई समझ सके, बल्कि तांत्रिक साधना की मूलभूत बातें भी जान सके।
यह पुस्तक ज्योतिषाचार्यों, साधकों और रहस्यवाद में रुचि रखने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
⭐ प्रमुख विशेषताएँ
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हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) का विस्तृत विवेचन।
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अंगुलियों, रेखाओं और हथेली के आधार पर भविष्य विश्लेषण।
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पंचांगुलि देवी की साधना की विधियाँ।
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तंत्र और समुद्रिक ज्ञान का संगम।
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साधना में आवश्यक नियम और सावधानियों का विवरण।
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सरल भाषा और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ प्रस्तुति।
🎯 किनके लिए उपयुक्त
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ज्योतिष और हस्तरेखा विज्ञान के विद्यार्थी।
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तंत्र और साधना में रुचि रखने वाले साधक।
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Palmistry और occult knowledge सीखने वाले।
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आध्यात्मिक और रहस्यवादी विषयों के शोधकर्ता।
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Randhir Prakashan के ज्योतिष और तांत्रिक साहित्य प्रेमी।
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