“सर्वार्थ चिंतामणि” ज्योतिष के क्लासिक ग्रंथों में एक अद्वितीय और प्रामाणिक रचना है, जो पारंपरिक वैदिक ज्योतिष में विशेष स्थान रखता है। इस दो खंडों वाले सेट में डॉ. एस. सी. मिश्रा ने मूल ग्रंथ का विस्तृत हिंदी अनुवाद, व्याख्या और आधुनिक दृष्टिकोण से विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
इस ग्रंथ में जातक की कुंडली के सभी बारह भावों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है, जैसे:
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लग्न से लेकर द्वादश भाव तक के प्रभाव और फल
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ग्रहों की स्थिति अनुसार शुभ-अशुभ परिणाम
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योग, राजयोग, धन योग, विवाह योग आदि का स्पष्ट विवेचन
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व्यवहारिक दृष्टांतों और उदाहरणों के साथ गूढ़ सिद्धांतों की व्याख्या
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संपूर्ण जीवन पर ग्रहों का प्रभाव और भविष्यवाणी के उपाय
यह पुस्तक विशेष रूप से उन विद्यार्थियों, ज्योतिष प्रेमियों और शोधार्थियों के लिए उपयोगी है जो गहराई से ज्योतिष सीखना या अभ्यास करना चाहते हैं।
🎯 पुस्तक क्यों पढ़ें?
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वैदिक ज्योतिष का गूढ़ और व्यापक ज्ञान
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भावों का वैज्ञानिक और व्यावहारिक विश्लेषण
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क्लासिक ग्रंथ को आधुनिक संदर्भों के साथ समझने का अवसर
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पेशेवर ज्योतिषियों और शिक्षार्थियों दोनों के लिए उपयुक्त
👤 किनके लिए उपयोगी है?
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ज्योतिष के छात्र
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पेशेवर ज्योतिषाचार्य
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शोधकर्ता और स्कॉलर
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ज्योतिष में गहरी रुचि रखने वाले पाठक
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