“वैदिक नक्षत्र ज्योतिष” एक अत्यंत उपयोगी और विश्लेषणात्मक ग्रंथ है, जो नक्षत्रों के माध्यम से जन्मपत्रिका का गहन विवेचन करता है। यह पुस्तक वैदिक ज्योतिष शास्त्र के उस खंड को समर्पित है जहाँ 27 नक्षत्रों और उनके दैविक प्रभावों के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
इस पुस्तक में निम्नलिखित प्रमुख विषयों का समावेश है:
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नक्षत्रों की वैदिक परिभाषाएँ एवं उनके स्वामी ग्रह
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जन्म नक्षत्र का व्यक्ति के स्वभाव, स्वास्थ्य, विवाह, व्यवसाय एवं जीवनकाल पर प्रभाव
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नक्षत्रों के अनुसार दशा-भुक्ति फल
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ग्रह-नक्षत्र संबंध, नक्षत्र का गोचर फल एवं दोष-निवारण उपाय
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वास्तविक जीवन के उदाहरणों द्वारा विवेचन
यह पुस्तक न केवल छात्रों के लिए उपयुक्त है बल्कि ज्योतिष में रुचि रखने वाले साधकों और अनुभवी आचार्यों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।
🎯 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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अगर आप जन्म नक्षत्र और दशा के आधार पर व्यक्तित्व, जीवन की घटनाओं, और भाग्य का सूक्ष्म अध्ययन करना चाहते हैं।
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यदि आप वैदिक दृष्टिकोण से नवग्रह और नक्षत्रों के आपसी संबंधों को समझना चाहते हैं।
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यदि आप उपचारात्मक उपाय (remedial astrology) भी जानना चाहते हैं।
✅ यह पुस्तक किसके लिए उपयुक्त है?
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ज्योतिष अध्ययनरत छात्र
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वास्तु और आध्यात्म से जुड़े शोधार्थी
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पेशेवर ज्योतिषाचार्य
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ज्योतिष में रुचि रखने वाले सामान्य पाठक
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