यूनानी चिकित्सा (Unani Medicine) भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों में से एक है, जिसकी जड़ें ग्रीक और अरब विद्वानों तक जाती हैं। यह चिकित्सा प्रणाली प्राकृतिक संतुलन और ह्यूमर थ्योरी पर आधारित है, जिसमें चार रसों—दम (Blood), बलगम (Phlegm), सफरा (Yellow Bile) और सुदा (Black Bile)—के संतुलन को स्वास्थ्य का आधार माना गया है।
डॉ. ओम प्रकाश निदार की यह पुस्तक “यूनानी चिकित्सा” इस पद्धति के सिद्धांत, निदान पद्धति, औषध निर्माण और रोगों के उपचार पर विस्तार से प्रकाश डालती है। इसमें रोगों के कारण, उनकी पहचान और यूनानी औषधियों के उपयोग का व्यवस्थित विवरण दिया गया है।
पुस्तक में विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:
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यूनानी चिकित्सा का इतिहास और विकास।
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ह्यूमर थ्योरी (चार रसों का सिद्धांत)।
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रोग निदान और उपचार की पद्धति।
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औषधियों की तैयारी और प्रयोग।
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दैनिक जीवन में स्वास्थ्य संरक्षण के उपाय।
यह पुस्तक आयुष (AYUSH) विद्यार्थियों, प्राकृतिक चिकित्सा शोधकर्ताओं और यूनानी चिकित्सा में रुचि रखने वाले सभी पाठकों के लिए मार्गदर्शक का कार्य करती है।
⭐ प्रमुख विशेषताएँ
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यूनानी चिकित्सा पद्धति का सैद्धांतिक और प्रायोगिक विवेचन।
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रोगों की पहचान और प्राकृतिक उपचार का विवरण।
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औषधीय निर्माण और उनके व्यावहारिक उपयोग।
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सरल, सहज और शास्त्रीय प्रमाणों पर आधारित भाषा।
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विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और चिकित्सा अभ्यासियों के लिए उपयुक्त।
🎯 किनके लिए उपयुक्त
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यूनानी चिकित्सा (Unani Medicine) के विद्यार्थी।
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प्राकृतिक चिकित्सा और वैकल्पिक चिकित्सा के शोधकर्ता।
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स्वास्थ्य और औषधि विज्ञान में रुचि रखने वाले पाठक।
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यूनानी पद्धति से रोगों का उपचार करने वाले वैद्य और चिकित्सक।
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